चन्दा जनि उग आजुक राति...

चन्दा जनि उग आजुक राति !
पिया के लिखिअ पठाओब पांति !१!

साओन सएँ हम करब पिरीति !
जत अभिमत अभि सारक रिति !२!

अथवा राहु बुझाओब हंसी !
पिबि जनु उगिलह सीतल ससी !३!

कोटि रतन जलधर तोहें लेह !
आजुक रमनि धन तम कय देह !४!

भनइ विद्यापति सुभ अभिसार !
भल जल करथइ परक उपकार !५!

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