हम जुवती, पति गेलाह बिदेस...

हम जुवती, पति गेलाह बिदेस !
लग नहि बसए पड़उसिहु लेस !!

सासु ननन्द किछुआओ नहि जान !
आँखि रतौन्धी, सुनए न कान !१!

जागह पथिक, जाह जनु भोर !
राति अन्धार, गाम बड़ चोर !२!

सपनेहु भाओर न देअ कोटबार !
पओलेहु लोते न करए बिचार !३!

नृप इथि काहु करथि नहि साति !
पुरख महत सब हमर सजाति !४!

विद्यापति कवि एह रस गाब !
उकुतिहि भाव जनाब !५!

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