जाइत देखलि पथ नागरि सजनि गे..

जाइत देखलि पथ नागरि सजनि गे, आगरि सुबुधि सेगानि !
कनकलता सनि सुनदरि सजनि में, विहि निरमाओलि आनि !१!

हस्ति-गमन जकां चलइत सजनिगे, देखइत राजकुमारि !
जनिकर एहनि सोहागिनि सजनि में, पाओल पदरथ वारि !२!

नील वसन तन घरेल सजनिगे, सिरलेल चिकुर सम्हारि !
तापर भमरा पिबय रस सजनिगे, बइसल आंखि पसारि !३!

केहरि सम कटि गुन अछि सजनि में, लोचन अम्बुज धारि !
विद्यापति कवि गाओलसजनि में, गुन पाओल अवधारि !४!

0 एक टिप्पणी दिअ।:

एक टिप्पणी भेजें

  © Vidyapati Geet. All rights reserved. Blog Design By: Jitmohan Jha (Jitu)

Back to TOP