गौरी तोर अंगना, बड़ अजगुत देखल...

गौरा तोर अंगना !

बर अजगुत देखल तोर अंगना !
एक दिस बाघ सिंह करे हुलना !
दोसर बरद छैन्ह सेहो बौना !१!
हे गौरा तोर ..............

पैंच उधार माँगे गेलौं अंगना !
सम्पति मध्य देखल भांग घोटना !२!
हे गौरा तोर ...............

खेती न पथारि शिव गुजर कोना !
मंगनी के आस छैन्ह बरसों दिना !३!
हे गौरा तोर ...............

कार्तिक गणपति दुई चेंगना !
एक चढथि मोर एक मुसना !४!
हे गौर तोर ............

भनहि विद्यापति सुनु उगना !
दरिद्र हरण करू धइल सरना !५!

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